मित्रों, ‘स्वाधीन’ भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन से जुड़ी यादों को स्मृति में बनाये रखने और उससे सीख लेने को प्रेरित करता रहा है. इस बात को ध्यान में रखकर उसने अपने पाठकों के लिए हमेशा शब्दों का पिटारा पेश किया है. 69वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े गीतों की एक सीरीज पेश की जा रही है. इस कड़ी में आज चौथे दिन मारकंडे शायर का गीत ‘भारत में डंका’ स्वाधीन के पाठकों के लिए पेश है...
मारकंडे शायर
भारत में डंका आजादी का
बजवा दिया गांधी बाबा ने.
सत्याग्रह का झंडा दुनियां
में फहरा दिया गांधी बाबा ने..1..
सर पर गठरी थी गुलामी की,
अति दूर थी हमसे आजादी.
बन कर प्रह्लाद हमें सत पथ
दिखला दिया गांधी बाबा ने..2..
घुस गये विदेशी घर में थे,
सब माल लूट कर ले जाते.
सद शुक्र हाथ सोतों का पकड़
बिठला दिया गांधी बाबा ने..3..
सत्तर करोड़ धन जाता था
प्रतिवर्ष विदेशी कपड़ों से.
तब मंत्र विदेशी बहिष्कार,
सिखला दिया गांधी बाबा ने..4..
दे ज्ञान हमें चरखे का पुनि
खद्दर का बाना पहना कर.
दिल गोरे चमड़े वालों का
दहला दिया गांधी बाबा ने..5..
निश्चयहिं दिवाला निकलेगा
मेनिचस्टर लंकाशायर का.
गर उस पथ पर हम चलें सभी,
जो बता दिया गांधी बाबा ने..6..
टूटा कानून नमक का ज्यों,
यों ही प्रसिद्ध सब टूटेंगे.
है भद्र अवज्ञा का पथ अब,
दर्शा दिया गांधी बाबा ने..7..
सत्याग्रह करके नवयुवको
भारत मां को आजाद करो.
बस यही विजय का मार्ग हमें
बतला दिया गांधी बाबा ने..8..
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