राज्य सभा टीवी
१० नवम्बर २०१४
१० नवम्बर २०१४
जवाहरलाल नेहरू की विरासत पर बहस बहुत मौजूं है। यह बहस इस बात को सिद्ध करती है कि नेहरू की दृष्टि ने भारत को एक राष्ट्र बनाया था। गुलाम भारत के बाद एक अनिश्चितता का दौर था। गांधी की हिन्दू साम्प्रदायवादियों ने 1948 की शुरुआत में हत्या कर दी थी। पटेल 1950 में दुनिया को अलविदा कह गए। आखिरी वक़्त में उन्हें यह चिंता साल रही थी कि उनके बाद नेहरू बाहर अकेले रह जाएंगे। समाजवादियों के एक बड़े तबके ने नेहरू का साथ छोड़ दिया था। इस कठिन दौर में नेहरू और मौलाना आज़ाद ने अपने सहयोगियों की मदद से वो कर दिखाया जो उसके साथ आज़ाद हुए तमाम देश नहीं कर सके। पेश है इन्दर मल्होत्रा, मुशीरुल हसन, मणिशंकर अय्यर,सुभाष कश्यप, विवेक काटजू और मनोज मिश्रा के साथ अमृता राय की यह बातचीत...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें