मोदी जी, गांधी-नेहरू को अय्याश बतानेवाले कब जेल जाएंगे?
नीरेंद्र नागर24 मई, 2016नवभारत टाइम्स
हाल ही में कर्नाटक पुलिस ने एक व्यक्ति को जेल में डाल दिया क्योंकि उसने आपकी एक फ़ोटोशॉप्ट इमेज को अपने फेसबुक पेज पर लगाया था। बहुत ही घटिया हरकत थी। आपको उस ‘देशद्रोही’ ओवैसी के पैर छूते दिखाया गया था। अच्छा किया आपकी पार्टी ने जिसने उसकी शिकायत की और उसे पकड़वाया। लेकिन मेरी आपसे प्रार्थना है कि आप और आपकी पार्टी पहले ज़रा उन लोगों की ख़बर भी लें जो विपक्षी नेताओं की ऐसी ही तस्वीरें सोशल मीडिया पर लगा रहे हैं। ऐसी ही एक तस्वीर मुझे नवभारत टाइम्स के एक पाठक रूपेश कुमार ने भेजी। देखिए, फ़ोटो में क्या किया हुआ और क्या लिखा हुआ है।
यह दरअसल मेरिलिन मनरो की मशहूर तस्वीर है जिसमें मनरो के चेहरे पर सोनिया गांधी का चेहरा लगाया हुआ है। नीचे देखें असली तस्वीर। दोनों तस्वीरों में चेहरे के अलावा सबकुछ समान है।
हमने हाल ही में एक ब्लॉग लगाया है जिसमें उन तमाम लोगों के प्रोफ़ाइल हैं जिन्होंने यह फ़ोटो अपनी वॉल पर लगाया है। देखें ब्लॉग, ‘डांस बार की तस्वीर’ में दिख रही महिला ‘सोनिया गांधी’? इस ब्लॉग में उन सभी लोगों में से कुछ के नाम और प्रोफ़ाइल है जिन्होंने इसे पोस्ट या शेयर किया। तो क्या आपकी पार्टी और आपकी सरकार ऐसे सभी लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करेगी जिन्होंने ऐसी तस्वीरें पोस्ट की हैं?
चलिए, सोनिया को हम छोड़ देते हैं क्योंकि वह फ़िरंगी हैं और उस कांग्रेस पार्टी को बचाने की कोशिश कर रही हैं जिसकी स्थापना भी एक फ़िरंगी ने ही की थी और जिस कांग्रेस से आप देश को मुक्त कराना चाह रहे हैं लेकिन देशद्रोहियों की वजह से मुक्त नहीं करा पा रहे हैं। (देखिए, दिल्ली के निगम चुनाव में चार खानग्रेसी फिर से चुन कर आ गए।) तो सोनिया को आपके मित्र और भक्त कुछ भी कहें, ताड़का या पूतना, सब जायज़ है। आख़िर उन्होंने भी तो आपको मौत का सौदागर कहा था। वैसे भी वह कोई पीएम तो रही नहीं हैं जो उनकी परवाह की जाए। हां, पीएम का मामला हो तो उनका सम्मान ज़रूर होना चाहिए जैसा कि आपके पार्टी सांसद विजय गोयल भी कहते हैं।
चलिए, अब मैं नीचे देश के प्रथम प्रधानमंत्री की एक तस्वीर लगा रहा हूं। मैं जानता हूं कि आप इस व्यक्ति से बहुत नफ़रत करते हैं और आपके भक्त तो आपसे ज़्यादा नफ़रत करते हैं, लेकिन मेरी प्रार्थना है कि आप प्लीज़, एक बार मिचमिची आंखों से ही सही, यह फ़ोटो देख लें क्योंकि नहीं देखेंगे तो मामला ठीक से समझ नहीं आएगा। नीचे देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू कुछ विदेशी लड़कियों के साथ नज़र आ रहे हैं। फ़ोटो पर लिखे मैटर को अवश्य पढ़िएगा। यदि नहीं पढ़ा जा रहा हो तो मैं पढ़ देता हूं – कितनी हवस थी उन आंखों में कि कुत्ता भी शरमा जाए। स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ते हुए आखिर कमीनेपन की भी हद होती है।
जिसने भी यह तस्वीर लगाई है, उसने सच ही कहा है कि कमीनेपन की भी हद होती है क्योंकि यह तस्वीर बनाते समय उसने उस कमीनेपन की सारी हदें पार कर दी थीं। इस तस्वीर पर नेहरू का फ़ोटो चिपकाया गया है जैसे कि आपके वाले फ़ोटो में आडवाणी की जगह ओवैसी का फ़ोटो चिपकाया गया था और जिस कारण आप और आपकी पार्टी को बहुत ग़ुस्सा आया और वह बंदा आज जेल में है। देखिए नीचे असली तस्वीर।
चलिए, नेहरू को भी छोड़ देते हैं। ऐसे लोग बदनाम किए जाने लायक़ ही हैं जिन्होंने लोकतांत्रिक मूल्यों की दुहाई देते हुए जम्मू -कश्मीर में जनमतसंग्रह कराने का वादा कर दिया। ऐसे राज’नैतिक‘ मूर्खों के साथ जो भी हो, कम है। ठीक है ना? लेकिन गांधीजी को तो आप बहुत मानते हैं। राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान आपने गांधीजी के जन्मदिन से ही शुरू किया था। उसके लोगो में गांधीजी का चश्मा भी लगवा दिया है। तो गुजरात के तृतीय गौरव (पहले तो आप हैं, दूसरे वल्लभभाई पटेल और उसके बाद ही बापू का नाम आता है) का अपमान हो, यह तो आप नहीं बर्दाश्त करेंगे ना। चलिए, नीचे उनकी भी तस्वीर दिखा देता हूं।
देखा आपने, फ़ोटो में कैसे बापू एक नटखट बाला के साथ नकसट का खेल खेल रहे हैं। लेकिन मोदी जी, यह भी नक़ली है। असली तस्वीर में वह पं. नेहरू (फिर से उनका नाम आ गया, सॉरी) के साथ हंस-बोल रहे हैं। है न ग़लत बात? नेहरू और सोनिया तक तो ठीक था। मगर बापू के साथ ऐसी अभद्रता। लानत है। उम्मीद है, आपको भी यह तस्वीर देखकर बहुत ग़ुस्सा आया होगा और ऐसे लोगों को कल ही जेल में डलवा देंगे जिन्होंने ये फ़ोटो शेयर किया है।
अब मैं एक ऐसा राज़ बताता हूं जो मुझे पक्का यक़ीन है कि आपको मालूम नहीं होगा। वह यह कि आपके भक्त लोग आपका ही नक़ली फ़ोटो बनाकर धड़ाधड़ चला रहे हैं। बोल रहे हैं कि मोदीजी पहले आरएसएस के दफ़्तर में झाड़ू लगाते थे। देखिए, नीचे की तस्वीर।
कुछ याद आया? नहीं ना? आएगा भी कैसे? आपने RSS के दफ़्तर में कभी झाड़ू थोड़े ही न लगाया था। लेकिन आपके ये भक्त जब आप 2014 में इलेक्शन के प्रचार में व्यस्त थे, तब यही तस्वीर फेसबुक में चिपका-चिपकाकर जनता को बता रहे थे कि मोदीजी कितना ज़मीन से जुड़े हुए हैं। अब ज़मीन से जुड़ा होने का मतलब यह थोड़े ही है कि आदमी जमीने पे बैठ जाए और झाड़ू लगाने लगे।
मुझे तो पहले ही शक था। और भी कुछ लोगों को शक था। आप बिज़ी थे, इसलिए आपको डिस्टर्ब नहीं किया। ख़ुद ही जांच की तो पता चला कि फ़ोटो तो किसी रमुआ का था, उस पर उन्होंने आपकी मुंडी चिपका दी।
और जानते हैं, इस फ़ोटो से एक और गड़बड़ हो गई जिसका आपको और आपकी पार्टी को शायद पता ही न हो। इस फ़ोटो से आपका तो प्रचार हुआ सो हुआ, झाड़ू का भी ख़्वाह-मख़ाह प्रचार हो गया। आगे चलकर दिल्ली विधानसभा चुनाव में लोगों ने यह समझकर झाड़ू पर बटन दबा दिया कि वे आपको वोट दे रहे हैं। लेकिन आपको वोट देने के चक्कर में वे ‘आप’ को वोट दे बैठे। अब ऐसे नासमझ भक्तों पर तो आपको कार्रवाई करनी ही चाहिए जिन्होंने आपके हाथ में झाड़ू पकड़ाया और ‘आप’ को दिल्ली में बहुमत दिलवाया। अगर यह झाड़ूवाली तस्वीर इतनी शेयर न होती तो केजरीवाल के पास आज दिल्ली की चेयर न होती।
चलिए, जाते-जाते अपने भक्तों के कुछ और कमाल दिखाता हूं। वैसे तो ‘भक्त अनंत, फोटुशॉपवा अनंता’ का मामला है। फिर भी दो–चार आपको दिखा ही देता हूं। आपके भक्तों ने ही चिपकाई है। कहां से कॉपी–पेस्ट किया है, वह भी बता देता हूं ताकि आपको भी तसल्ली हो जाए।
यह पहली तस्वीर आपके किसी हरियाणवी भक्त ने शेयर की है जो गुजरात से प्रेरणा लेकर नया हरियाणा बनाना चाहते हैं। अक्षर छोटे हैं, शायद मोबाइल पर पढ़ न पाएं। इसलिए फिर से लिख देता हूं। लिखा है –आखिर बुलेट ट्रेन ट्राइअल के लिए हिंदुस्तान आ ही गई। इस तस्वीर में ट्रेन बालिमोरिया स्टेशन गुजरात में देखी जा सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र जी को शत-शत प्रणाम।
असलियत नीचे देखें। वही स्टेशन, वही प्लैटफ़ॉर्म, वही लोग। लेकिन ट्रेन?
और यह वही लड़की है जो आपकी इतनी बड़ी फ़ैन हो गई है कि पीठ पर आपकी तस्वीर ही उकेरवा दी। आपने भी देखी होगी यह लड़की हालांकि यह पता नहीं चला कि क्या वह सरे बाज़ार नंगी पीठ ही घूमती थी!
आप यह फ़ोटो इस साइट पर देख सकते हैं – http://tattooinsights.blogspot.in/2011/08/angel-tattoo-designs.html
और यह देखिए, आप किस शान से शेरनियों के साथ चल रहे हैं। चेहरे पर डर का नामोनिशान तक नहीं है। बल्कि मुझे तो शेरनियों के चेहरों पर ख़ौफ़ नज़र आ रहा है। वैसे भी उन्होंने आपके भक्तों के फ़ेसबुक पेजों पर पढ़ा-सुना होगा कि आप बचपन में मगरमच्छों से खेलते आए हैं। आपको तो याद ही होगा यह फ़ोटो कब खींचा गया था? नहीं याद आ रहा? आएगा भी कैसे, यह तो अपने माल्या साहब के किंगफ़िशर कैलंडर का फ़ोटो है। लड़की हटाकर आपको चिपका दिया गया है।
और ये लो, ओबामा आपसे मिन्नत कर रहे हैं कि थोड़ा ज्ञान अमेरिका को भी दे दो ताकि वह भी भारत की तरह डिवेलप कर सके लेकिन आप उन्हें बिल्कुल तवज्जो नहीं दे रहे। क्या इस्टाइल है! लेकिन अरे, यहां भी फ़ोटोशॉप है। ये तो ओबामा और मिशेल का फ़ोटो है और मिशेल को हटाकर आपको चिपका दिया है।
तो मोदी जी, इंटरनेट के महाजंगल में ऐसी बहुत सी तस्वीरें हैं – आपकी भी और आपके विरोधियों की भी। आपके विरोधी तो जो कर रहे हैं, वह आप जानते ही हैं और उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई भी कर रहे हैं। लेकिन आपके भक्त जो कर रहे हैं, वह शायद आपको पता न हो। इसीलिए आज मैंने ऐसी कुछ मिसालें दी हैं जो आपके भक्तों की कलाकारी के बेहतरीन नमूने हैं। ऐसे भक्त जिन्होंने मान लिया है कि ‘फ़र्ज़ी’वाड़ा ही सबसे बड़ा ‘फ़र्ज़’ है। ऐसे भक्त जिनका नारा है – तुम एक फ़ोटोशॉप पकड़ोगे, हम सौ-सौ नए बनाएंगे। आपसे उम्मीद है कि पहले आप अपने फ़ोटोशॉपियों को रोकेंगे और उसके बाद आपियों और कांगियों पर कार्रवाई करेंगे।
पिछले ब्लॉग की तरह फिर से गांधीजी का हवाला दे रहा हूं। आज वह होते और उनके भक्त ऐसा काम कर रहे होते तो वह पहले उनको ही रोकते। हो सकता है, वे इसी बात पर अनशन कर बैठते कि जब तक यह झूठा प्रचार बंद नहीं होता, मैं अन्नजल ग्रहण नहीं करूंगा।
वैसे मैं यह सब आपको क्यों बता रहा हूं? जब आपने ‘एंटायर पॉलिटिकल साइंस’ में प्रथम श्रेणी में एमए किया है तो गांधीजी के बारे में तो ‘एंटायर बातें’ पता ही होंगी। मुझे उम्मीद है कि आप तब के गांधी और अब के गांधी – दोनों की प्रतिष्ठा को आंच न आए, इसका ख़्याल रखेंगे। और नेहरू के बारे में इतना ही कहूंगा कि देश के पहले, दूसरे और सभी प्रधानमंत्रियों की उतनी ही इज़्ज़त होनी चाहिए जितनी देश के मौजूदा प्रधानमंत्री की है। ईसा मसीह बहुत पहले कह गए हैं – दूसरों के साथ वैसा व्यवहार करो जैसा तुम अपने प्रति चाहते हो। यदि आप नेहरू और कांग्रेस को लगातार अपमानित, लांछित और उपेक्षित करेंगे यह कहकर कि साठ सालों में देश में कुछ नहीं हुआ तो आपके समर्थक भी वैसा ही दोहराएंगे और बदले में नेहरू और कांग्रेस को चाहनेवाले भी आपके साथ वैसा ही व्यवहार करेंगे यह कहकर कि दो सालों में देश में कुछ नहीं हुआ। आगे भी वे आपके काम को स्वीकार नहीं करेंगे। मोदी जी, अविश्वास और विद्वेष की राजनीति को समाप्त करना है तो पहल आपको ही करनी होगी क्योंकि आप देश के प्रधानमंत्री हैं और अपने ही शब्दों में देश के प्रथम सेवक।
देश के प्रथम सेवक के तौर पर आपको मानना होगा कि कांग्रेस और सभी पार्टियों का देश के विकास में (चाहे जितना हुआ हो) योगदान रहा है और सभी के सहयोग से ही देश चलेगा। आपको बार-बार ऐसा कहना होगा ताकि लोगों में चाहे वे भक्त हों या अभक्त, यह संदेश जाए कि गांधी, नेहरू, पटेल, तिलक, आंबेडकर, सुभाष आदि सबके सब अपने समय के महानायक थे और हमें इन सबका सम्मान करना चाहिए।
यदि आप ऐसा करेंगे तो यह आपसी दुष्प्रचार रुकेगा या कुछ तो कम अवश्य होगा। नहीं करेंगे तो कीचड़ उछालने का यह दोतरफ़ा खेल ऐसे ही चलता रहेगा और हमारे जैसे लोगों की शिकायत बनी रहेगी कि आप विरोधियों पर तो क़ानून की तलवार चलवाते हैं मगर अपने लोगों के जालसाज़ियों पर आंख मूंद लेते हैं।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें